सुमन कुमार | 17-01-2022
दूसरे का सच उनको ही कहने दो
हम अपना सच कहें
वैसा ही कहें जैसा कि महसूस करते हैं
बनावटी नहीं
आप जो भी करते हैं
वह आपके पहचान का ज़रिया बनता है
दुनिया जीने के लिए है
प्रयोग के लिए है
एक बड़ी प्रयोगशाला है
हर दम हम प्रयोग करते हैं
जीते हुए हम जो महसूस हैं
जो आत्मसात करते हैं
उसको ही अपने प्रयोग में डालते हैं
जांचने के लिए
आज़माने के लिए
परखने के लिए
तर्क की कसौटी पर जांचने के लिए
मंच एक वैकल्पिक रचनात्मक दुनियां की निर्मिति कर
अपने सवालों का जवाब ढूंढने के लिए
प्रयोग करने का एक आत्मीय धरातल प्रदान करता है
जहां दुनियां के सभी विषयों का
रचनात्मक संयोजन होता है
इतिहास, वर्तमान और संभाव्य का ग़ज़ब जीवंत मेल मंच पर सजता है
एक विलक्षण अनुभव के लिए
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